AN UNBIASED VIEW OF SHIV CHALISA IN HINDI

An Unbiased View of shiv chalisa in hindi

An Unbiased View of shiv chalisa in hindi

Blog Article

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

Your browser isn’t supported any more. Update it to obtain the greatest YouTube expertise and our most up-to-date attributes. Find out more

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की Shiv chaisa आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

लिङ्गाष्टकम्

Report this page